मेरी उड़ान
उड़न है मुझमे पंछियों की तरह
मगर मै तो कैद हु ,
तोते की तरह .
बन चूका हूँ मै कठपुतली
मै तो नाचता हूँ
जैसे किसी इशारे की उंगली .
पाजेब में लगे घुंघरू की तरह ,लगता हूँ मैं ,
कभी दायें कभी बाएं
बंधता हूँ मैं.
यह मेरी इस जन्म की या पूर्व जन्म
की है सजा
ढूंडा बहुत मगर मिला न कोई वजह.
बचपन में मैंने पढ़ा था
लाइफ इस अ ग्लोरिऔस गिफ्ट
मगर मै इसे कैसे करू शिफ्ट.
न कोई पूछता मुझसे मेरी उडान
क्या करू मै , हे भगवन!
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