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Showing posts from March, 2018

Yes only you!

It's not to gain Not to loose Open my eyes with you Closes it with your thoughts My days start with you Rhythmic evening comes with you Golden night goes with you Yes only you.. Where I go I meet u In the mass or in alone I meet u Yes only you... My eyes in your eyes My hands in your hands Nothing is mine Why all mine is yours I get my way with you I get my destination with you I get my hope with you Yes only you... The thread of bond Binds with you This bond will go For seven lives or its more... Everytime  I breath It makes my life with you Yes without you I am no more... This poem is inspired by the song "Tum se hi" of 'Jab We Met'.

Teen life

                           Teen Someone lives in my mind, Tends me care by someone, Someone is unidentified, Someone is unknown. Someone comes in my dream, Someone appears when I am alone But someone goes when I wake up And I am in town. Perhaps this identifies That I came in teen I don't know What someone means? Someone suspects as She! To find out, it's difficult for me...

Composed when I was Teen

                        My first love This is my first love ever, When I met her on the bank of river I fell in her eyes cover On that time I was merely a teenager My eyes noticed a gorgeous face, Her wine eyes and the cloudy capillus pearly teeth were covered by Coral lips A barbie in pink gown with blue jeans I was glad with the beauty of nature the atmosphere was calm as zephyr It made me to express my heart'desire adding my words on the shore of river I went close to that beauty queen felling on the knee,having roses in I said "make my life with your tone" She replied "I couldn't come in y'r zone" This made me some nervousness, But my soul wanted to make a kiss. I replied with ease "Please look into my eyes" You would find your face inside. She hesitated but later came perceived my eyes with tendering Replied " Your eyes are alluring" I said no," It has ocean of love and care" T...

दिल की चाहत

तुझसे मिलने की दिल मे चाहत बढ़ी है, जब से तू मुझसे दूर गयी है। इस दिल की तड़पन सिर्फ तू ही जान सकती है, क्योकि तेरे दिल मे सिर्फ हम ही बसते है। ये तड़पन भी लगती जैसे एक सज़ा है, मगर जिंदगी का यही तो मज़ा है। ना जाओ मुझसे दूर ओ प्रियतम, तुझसे मेरा प्यार न होगा कभी कम। इस दिल की बेकरारी बस तेरी यादें सताती है । कैसे समझाऊ इस दिल को मैं यारा इस दिल मे तो तू ही बसती है।

अनजाने लोग

दोस्तों कभी -कभी आपके जीवन में कोई ऐसे लोग मिल जाते है जिसे आप चाह कर भी भुला नहीं पाते है। कोई अजनबी जिसे कभी आपने देखा भी न हो वो आपके अपने लगने लगते है । वे लोग बहुत ही कम समय में आपको एक नयी दिशा दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । वे लोग आपके जीवन में एक नयी उमंग भर देते है ।इनसे मिलने के बाद जैसे आपके सारे अरमानो को पंख लग जाते है। उस गगन को छूने की मन में चाह जागने लगती है। जिंदगी में एक नयी आशा की लहर दौड़ आती है। आपके डगर में आने वाले बाधाओं से लड़ने के लिए आप मे एक नयी ऊर्जा का संचार भर देते है , और आपके जीवन की आकांक्षाओं को एक नयी रास्ते मिलने लग जाते है।आपके जीवन को पूर्ण बनाने में भरपूर सहयोग प्रदान करते है।मानो जैसे शरद की रात में ओस की बूंदें , कोमल पत्ते पर सफ़ेद मोती की चादर उढ़ाकर उस पत्ते की खूबसूरती में चार चाँद लगा देती है। आपके जीवन भी उस ओस की बून्द की तरह चमचमाने लगती है । ऐसे लोग जो कभी आपके अनजाने हुआ करते थे वो भी आपके अपने लगने लगते है। ऐसे लोगो के लिए दिल से बस एक ही दुआ निकलती है ये लोग जहाँ भी रहे भगवान इनको सदा खुश रखे। आपका दोस्त आलोक कश्यप...

Election view on jharkhand assembly election

याद  है  आज  भी  वो  दिन  जिस  दिन  लोग  बड़े ही हर्षोलाश के साथ ,एक नयी उम्मीद के साथ  पठाखे जला रहे थे। लोगो में एक नयी उम्मीद का दिया जला था। ऐसा लगता था मानो काला भूरा बादल   को चीरते हुए सूरज की किरणों में इस धरती को प्रकाशित करने की  जंग छिड़ी हो। ऐसा लगता था जैसे लोगो में एक नयी ऊर्जा आ गयी हो , और हो भी क्यों नहीं उस दिन एक नयी राज्य का गठन हो रही थी।  वो दिन भी  काफी ऊर्जावान था -- उस व्यक्तित्व का जन्म दिवस जिन्होने अंग्रेजो के खिलाफ आदिवासी का विशाल समूह खड़ा किया था। भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस का - 15 नवंबर। जी हाँ 15 नवंबर 2000 भारत के इतिहास से जुड़ गया था। इसी दिन बिहार से अलग कर झारखण्ड राज्य बना  था। मुख्यमन्त्री के रूप में बाबूलाल मरांडी ने कमान संभाला था। शुरुवात के एकाध सालो  में ऐसा लगा था कि झारखण्ड  के सपने सच होने लगे है , मगर अगले सालो साल एक नए -नए मुख्यमंत्री के  रूप में चेहरे देखने को मिले। कभी मुंडा  जी ,  गुरु जी ,तो कभी कोड़ा जी . सबने अपने अप...

दिल साला कमिना

मैं बेइंतेहा मोहब्बत करने लगा था कोरे कोरे सपने बुनने लगा था। गर्मी की दोपहर में उनकी बाते दिल को ठंडक देती थी। रात की चांदनी में उनकी मीठी यादें सोने नही देती थी। दिल मे एक नया एहसास आने लगी थी हमे भी मीठा सा दर्द होने लगी थी। प्यार का वो रूठना ओर मनाना कितना हसीन वो पल लगता था। उस पल में भी लगता था, कभी इस पल को याद करेंगे जिंदगी के गीत को एक साथ मिलकर यू ही गुनगुनायेंगे। वो दीया तो हम बाती बनकर एक नई जीवन का प्रकाश लाएंगे। मगर ये दिल ही साला कमीना था जो एक बेवफा को अपना माना था।