Election view on jharkhand assembly election
याद है आज भी वो दिन जिस दिन लोग बड़े ही हर्षोलाश के साथ ,एक नयी उम्मीद के साथ पठाखे जला रहे थे। लोगो में एक नयी उम्मीद का दिया जला था। ऐसा लगता था मानो काला भूरा बादल को चीरते हुए सूरज की किरणों में इस धरती को प्रकाशित करने की जंग छिड़ी हो। ऐसा लगता था जैसे लोगो में एक नयी ऊर्जा आ गयी हो , और हो भी क्यों नहीं उस दिन एक नयी राज्य का गठन हो रही थी। वो दिन भी काफी ऊर्जावान था -- उस व्यक्तित्व का जन्म दिवस जिन्होने अंग्रेजो के खिलाफ आदिवासी का विशाल समूह खड़ा किया था। भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस का - 15 नवंबर।
जी हाँ 15 नवंबर 2000 भारत के इतिहास से जुड़ गया था। इसी दिन बिहार से अलग कर झारखण्ड राज्य बना था। मुख्यमन्त्री के रूप में बाबूलाल मरांडी ने कमान संभाला था। शुरुवात के एकाध सालो में ऐसा लगा था कि झारखण्ड के सपने सच होने लगे है , मगर अगले सालो साल एक नए -नए मुख्यमंत्री के रूप में चेहरे देखने को मिले। कभी मुंडा जी , गुरु जी ,तो कभी कोड़ा जी . सबने अपने अपने रोटिया खूब सेकी। जिसके कारण से आज भी झारखण्ड विकाश की मंजिल से कोसो दूर है।
कोड़ा जी ने निर्दलीय से चुनाव लड़ा था और जीत भी गए। मगर निर्दलीय की तो कोई जात ही नहीं होती ,जिधर गरम तावा मिलता है उधर ही रोटी सेकने निकल पड़ते है। वो मुख्यमंत्री भी बने कांग्रेस की कृपा दृष्टि से, नतीजा आप सब के सामने चार हजार करोड़ का घोटाला। ऐसा भी नहीं सारे पैसे कोड़ा ही गटक गए ,भाई कोई भी पार्टी ऐसे ही किसी निर्दलीय को मुख्यमंत्री तो नहीं बनाता। कोड़ा जी तो सिर्फ मुखौटा थे।
वैसे झारखण्ड में पार्टियो की कोई कमी नही है , अगर केंद्र की दो बड़ी पार्टियो को हटा दे तो एक पार्टी गुरु जी पार्टी आती है, वो भी काम नही है। इनको तो जैसे रोटी सेकने की आदत सी पड़ गयी है. पहले बी. जे. पी. का साथ दिया ,और जब रोटी सेकने को नही मिला तो कांग्रेस का दामन थाम लिया और खूब दोनों मिलकर रोटिया सेकी।
ऐसे में बात ये उठती है कि झारखण्ड का विकास कैसे होगा। वो झारखण्ड जिसको ईश्वर ने भरपूर धन सम्पदा दिया। कोयला, लोहा, अल्मुनियम , अभरक सारे इसी राज्य में पड़े हुए है, पर विडम्बना यह है कि आज भी झारखण्ड पिछड़े राज्यों में गिने जाते है.
अब इसमें आप कहेंगे की हम क्या कर सकते है , हम तो है बेचारे जनता है , अगर आप ऐसा सोचते है तो आप बिलकुल गलत है , आप चाहे तो इस झारखण्ड की तस्वीर बदल सकती है, आपकी एक -एक अमूल्य वोट इस राज्य के विकास में सहायक बन सकतa है। ज़ो सपना भगवन बिरसा मुंडा ने देखा था,जो सपना झारखण्ड अलग होने के बाद आपने देखा था उसे आप पूरा कर सकते है.
आप वैसे पार्टी को चुने जो ईमानदार है आप उन्ही को वोट दे। आप वैसे लोग ,वैसे पार्टी को वोट न दे , जिसको की गरम तावा देखने के बाद कभी भी दल बदल लेते है।
अतः आप इस बार वोट देने जाये तो इस बात का जरूर ख्याल रखे। और वोट जरूर दे।
आपका -
आलोक कश्यप
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