नया साल के नाम सुनते ही हमारे जीवन में उमंगो की बौछार आ जाती है।ऐसा लगता है जैसे मानो काले -भूरे बादल को चीरते हुए एक नई प्रकाश पुंज हमारे जीवन में प्रवेश करने वाली है।हम पुराने बातों को छोड़ एक नई उमंगों के साथ,एक नई रास्तों की ओर निकल पड़ने की होड़ हममें आ गयी हो। इसी होड़ के बीच हम नए साल का जश्न मनाने के लिए पिकनिक और पार्टी पर विशेष ध्यान देते है।
इन उमंगों के उत्साह में हम कभी-कभी अपने जीवन के लक्ष्यों को पूर्ण करने वाले उद्देश्यों दे भटक जाते है।और हम अपने लक्ष्य को पूर्ण नहीं कर पाते है।क्या हम ऐसा नहीं कर सकते है पिछले वर्ष क्या कुछ किये इसपर एक बार चिंतन करे?
उन तत्त्वों को जानने की कोशिश करे,उनकी एक सूची बनाये जो हमारे जीवन को सकारात्मक तथा नकारात्मक ऊर्जा प्रदान की हो।इस सूची के माध्यम से हमारे लक्ष्य को पूर्ण करने में जो भी उद्देश्य को प्रभावित किये उनका हम समीक्षा करें।इससे यह फायदा होगा कि क्या हम लक्ष्यों से भटक तो नहीं रहे है?वे कौन -कौन से तत्व है जो हमारे जीवन को प्रभावित करते है?उन तत्त्वों के प्रति हमारी क्या सोच है?उन पर पर हम कैसे जीत हासिल कर सकते है, इसपर हमे विचार करना होगा।और जीत भी हासिल करनी होगी।तभी हम अपने जीवन को लक्ष्य तक पहुँचा कर,अपने को सार्थक बना सकते है।
नए साल की शुभकामनाओं के साथ आपका दोस्त आलोक कश्यप।
इन उमंगों के उत्साह में हम कभी-कभी अपने जीवन के लक्ष्यों को पूर्ण करने वाले उद्देश्यों दे भटक जाते है।और हम अपने लक्ष्य को पूर्ण नहीं कर पाते है।क्या हम ऐसा नहीं कर सकते है पिछले वर्ष क्या कुछ किये इसपर एक बार चिंतन करे?
उन तत्त्वों को जानने की कोशिश करे,उनकी एक सूची बनाये जो हमारे जीवन को सकारात्मक तथा नकारात्मक ऊर्जा प्रदान की हो।इस सूची के माध्यम से हमारे लक्ष्य को पूर्ण करने में जो भी उद्देश्य को प्रभावित किये उनका हम समीक्षा करें।इससे यह फायदा होगा कि क्या हम लक्ष्यों से भटक तो नहीं रहे है?वे कौन -कौन से तत्व है जो हमारे जीवन को प्रभावित करते है?उन तत्त्वों के प्रति हमारी क्या सोच है?उन पर पर हम कैसे जीत हासिल कर सकते है, इसपर हमे विचार करना होगा।और जीत भी हासिल करनी होगी।तभी हम अपने जीवन को लक्ष्य तक पहुँचा कर,अपने को सार्थक बना सकते है।
नए साल की शुभकामनाओं के साथ आपका दोस्त आलोक कश्यप।
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